"फलसफा जिंदगी का"
"फलसफा जिंदगी का"
आया कोहरा ओस गिरी,
किताबो से जनवरी घिरी,
दिन छोटे हे, रेट बड़ी बड़ी,
नोट्स लिए फरवरी खड़ी,
तेज हुई सूरज की टॉर्च,
जैसे ही आया परीक्षा का मार्च,
गाँव गली तपते खपरेल,
रिजल्ट का इंतज़ार है अप्रेल,
लिया धुल- पसीना रे,
मई का महीना छुट्टी में,
तेज हुए लू के नाखून,
जान बचाओ आया जून,
वर्षा लेकर आई है,
स्कूलो वाली जुलाई है,
नाचे मोर हो कर मस्त,
आया त्यहारो का अगस्त,
इन्द्रधनुष है अम्बर में,
मोज मस्ती सितम्बर में,
फिर आता पत- झड़ का मौसम,
कहता अक्टोबर, बेटा पढ़ लो तुम,
अब मौसम हरियाली का,
नवम्बर माह दिवाली का,
गुलाबी ठण्ड ने दी है दस्तक,
आया दिसंबर उठा लो तुम पुस्तक,
ये बारह मास बताते हैं, कि कैसे हमको है जीना,
संकट तो आते जाते है, ख़ुशी से है उनको सहना।
