STORYMIRROR

Aadya Bharti

Inspirational

4  

Aadya Bharti

Inspirational

हिंदी

हिंदी

1 min
258

यह हिंदी ही है जनाब, जिसमें तोते भी राम-राम बोलते हैं

वरना बाकी जुबा में तो, लोग अपने अपनों को तोलते हैं


वह हिंदी ही है जो सबको, एक डोर में बांधती है

बिखरी बिखरी हर भाषा बोली को अपनी सगी बहन मानती है


यह हिंदी ही है जनाब, जो ऊंच नीच नहीं मानती

यह आपने अक्षरों को स्माल और कैपिटल से नहीं जानती


हुआ तो और अपने हर आधे अक्षर को सहारा देने

उसे हमेशा पूरे अक्षर के साथ बांधती


सूर तुलसी और कबीर ,सभी ने रचा इसमें जीवन का नीर

इस नीर का मंथन कर ,हम हर सकते हैं सभी की पीर


विविधता में एकता का पाठ हमें यह पढ़ाती है

पूरे राष्ट्र को एक सूत्र में बांधकर दिखलाती है


इसमें भरा है पास पड़ोस और दूरदराज भी

संस्कृत, अरबी, बांग्ला, तमिल और आम आदमी की आवाज भी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational