शीर्षक- महोत्सव
शीर्षक- महोत्सव
सांस्कृतिक की धाराओं में
रीति रिवाजों का परिणाम
सुगम संगीत से परिपक्व
एकता संघर्ष सुदीर्ण बना
किसी लक्ष्य को साधता
समां दिलों में यह बांधता
कुछ इस तरह से होते हैं
हर एक महोत्सव नज़ारे
बिम्ब से प्रतिबिंब सहते
सांस्कारिक भावना लिए
दिल कस नज़ारे है खिले
नेक कामना हर्ष उल्लास
प्रेम से लेकर के विश्वास
भारतीय संस्कृति गाथा
हर एक महोत्सव देते हैं
मीठे पकवान से लेकर
बड़ों के प्रति समर्पित
ये सम्मान देश खातिर
बलिदान, जाने कितने
मधुमास, अभिलाषा
विषम परिभाषा देकर
आते हैं दिलकश भरे,
हमारे हर एक महोत्सव।
