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Naveen kumar Bhatt

Abstract

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Naveen kumar Bhatt

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गजल

गजल

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नफ़रतों को मिटा दिया जाए

प्यार मज़हब बना दिया जाए।


दोस्ती,प्यार,जमाने मे वफ़ा

इनको रब सा बना दिया जाए।


दोस्ती प्यार का समंदर है

दुश्मनो को बता दिया जाए।


बात ईमान की सदा कहिये

दर्द दिल मे बसा लिया जाए।


दोस्ती को परख रहे हैं वो

अपना गुस्सा दिखा दिया जाए।


दोस्ती की अहमियत समझो

ये जहॉं को बता दिया जाए।


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