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Naveen kumar Bhatt

Others

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Naveen kumar Bhatt

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मुक्तक

मुक्तक

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आज युवा पर कीजिए, थोड़ा बहुत विचार।

नव पीढ़ी का मिट सके, गहरे सभी विकार।

दर - दर भटके रात दिन, सोच - सोच हैरान,

कुछ ऐसा संबल मिले, गुलशन भरा निखार।।


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