STORYMIRROR

Nirav Rajani "शाद"

Romance

5.0  

Nirav Rajani "शाद"

Romance

शब ए माह

शब ए माह

1 min
13.9K


माना के शब - ऐ - माह के बराबर नही हु मैं,

लेकिन किसी के रहम पर नही हु मैं ।


इंसान हु मसीहा तो नही,

यू मुड़कर न देख महबूब नही हु मैं।


यू मै हो के भी निसार तुझपे,

यकता खड़ा नही हु मैं ।


ए महबूब यू माज़ी की यादों को लिए,

बेगाना रहा नही हु मै ।


मकता

"नीरव" तेरे छंद मै लिखी तो है ग़ज़ल,

तेरी एक नज़्म के बराबर नही हु मै ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance