शाम की चाय
शाम की चाय


शाम की चाय तुम्हारे साथ हो जाए,
काश कि पल वहीं थम जाए,
दो बातें तेरी हो जाए,
दो किस्से मेरे हो जाए,
चाय के स्वाद पर ही बात शुरू कर देना,
जो दरमियान खामोशी आए नई बहस तुम शुरू कर देना,
शाम की चाय तुम्हारे साथ हो जाए,
ठहरे अल्फ़ाज़ आखों से बयाँ हो जाए,
डूबते सूरज से पूरे दिन की शिकायत हो जाए,
इज़हार ख्वाब से हकीकत हो जाए,
जाते वक़्त दूसरी मुलाकात का वादा दे जाना,
चाय कैसी लगी ये भी बता जाना,
शाम की चाय तुम्हारे साथ हो जाए,
तुझसे मिलके ये रूप और निखर जाए,
उड़ते परिंदो से नई उमीद मिल जाए,
साथ से तेरे ये गम बस यूं खो जाए,
तोहफे में कुछ लम्हे चुरा लाना,
कैसी बीती ये शाम ये बता के जाना!