शालीनता
शालीनता
कभी कभी अपने ही
विचारों से हम
सकपका जाते हैं !
लाज -धाख
छोड़ -छाड़
अभद्रता को
अपनाने लगते हैं !
फेसबुक के रंगमञ्चों में
श्रेष्ठ लोग भी
जुड़े रहते हैं !
वे हमारी कृतिओं को
भली -भांति
जाँचते और परखते हैं !
फिर हम क्यूँ
लक्ष्मण रेखा को लांघने का
प्रयत्न करते हैं ?
हमारी उपेक्षा जब
होने लगती है !
तो ह्रदय में
एक अजीब सी
टीस होती है !
हम अहर्निश उनकी
टिप्पणिओं को
ढूँढ़ते रहते हैं !
और उनके आशीष
पाने को तड़पते रहते हैं !
कर्णप्रिय बातों से
आप सबको जीत लें !
सत्यम शिवम् सुंदरम
का मंत्र केवल सीख लें !
