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Rajivani singh

Tragedy

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Rajivani singh

Tragedy

शादी

शादी

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बंधी मैं एक बंधन में

नाम था जिसका शादी

अपना नाम भी खो दिया और पहचान भी

जब की मैंने शादी

मेहंदी ,बिंदिया ,सिंदूर ,महावर सब उसके नाम का

अपने नाम से भी पहले नाम उसके नाम का

कितनी बदल गई ये जिंदगी बस एक ही रात में

घर आंगन सपने सब छूट गए

दहलीज पर खड़े कई अपने भी छूट गए

जब बंधी मैं एक बंधन में

नाम था जिसका शादी


शादी में तो दो लोग थे

फिर निभाने में सिर्फ एक मैं ही क्यों? 

ठहर के सोचो जरा

मेरे नाम का क्या है तुम्हारे पास

तुमने क्या क्या बदला

तुमने क्या क्या बदला

जब कि तुमने शादी।


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