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Rajivani singh

Inspirational

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Rajivani singh

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गुलदस्ता

गुलदस्ता

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जीवन के गुलदस्ते में

जाने कितने फूल हैं जाने कितने शूल

लेकिन एक उम्मीद है

सब कुछ ठीक हो जाने की

दायरे के मिट जाने की

हर तरफ खुशहाली की ,रंगों की , हरियाली की


मौन से क्यों बैठे हो

देखो यह खामोशी ही छट जाएगी

काली घटा भी हट जाएगी

फिर उजियारा होगा

इस सोच को बनाए रखना

यह दिन भी बीत जाएंगे

बस थोड़ा हौसला जमाए रखना

फिर सूरज चमकेगा

जीवन की गुलदस्ते में

जाने कितने फूल है जाने कितने शूल.



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