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Rajivani singh

Inspirational

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Rajivani singh

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ध्वज

ध्वज

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यह भूमि है वीरों की शूरवीरों की

आजाद ,भगत सिंह और महात्मा गांधी की.

बहुत लहू बहा के हमने आजादी पाई

तीन रंगों का नहीं ये ध्वज

एक अनूठी सौगात है ये 

इस ध्वज से हैं हमारी पहचान

गर्व है मुझे कि मैं हूं भारत मां की संतान

एक उपहार है खुशियों का इसे हमेशा बनाए रखना


आओ इस ध्वज का कर्ज चुकाए

इस माटी से तिलक लगाएं

जो शहीद हुए हैं सरहद पर

उनकी शहादत पर सिर झुकाए


हे !वीर जवानों सुनो

गंगा की पावन भूमि पर कोई गैर ना आने पाए

हिमालय से खड़े रहना ,दुश्मनों के आगे

एक जंग तुम्हारा है सरहद पर

तो एक जंग हमारा है अंतर्मन से

लालच लोभ और द्वेष से

तुम सलामत रहो यह धरती सलामत रहे

यही संकल्प हमारा है


तुमहारे नाम का सिंदूर ,माथे की बिंदिया

हमेशा बनी रहे

मां बाबा की आंखों में तुम्हारे आने की उम्मीद

हमेशा सजी रहे

हमें अपना तिरंगा प्यारा

झंडा ऊंचा सदैव रहे हमारा

यह धरती है वीरों की सुर वीरों की।


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