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Rajivani singh

Inspirational

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Rajivani singh

Inspirational

उड़ने दो, उड़ने दो मुझे

उड़ने दो, उड़ने दो मुझे

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मत रोको मत टोको

उड़ने दो, उड़ने दो मुझे

खुले आकाश में पंख पसारे

नित्य नए सपने संजोए निरंतर बढ़ने दो

बढ़ने दो मुझे 

उड़ने दो, उड़ने दो मुझे


परंपराओं की जंजीरों में मत जकड़ो

घर की मर्यादाओं में मत घेरो

मन की अभिलाषाओं को पूरा करने दो

आज अपने मन की करने दो

उड़ने दो ,उड़ने दो मुझे


उम्मीदों का बोझ मत दो

नए रिश्तों की डोर मत दो

अपनाने दो जो मन के रिश्ते हैं

पढ़ने दो, कुछ करने दो, बढ़ने दो

ये मत करो, वो मत करो

अब हो गया बहुत

उड़ने दो उड़ने दो मुझे

खुले आकाश में पंख पसारे

निरंतर बढ़ने दो, बढ़ने दो मुझे


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