सच्चा प्यार
सच्चा प्यार
हम तेरे इश्क़ में इस तरह खो गए
ना दिन का पता है,
रातों के भी चैन गए !
करते हैं खयालों में भी तेरा ही दिदार
पर तुम्हें ना खयाल है,
हम कितनी आहें भरे !
साँसें भी चलती है नाम तेरा लेकर
इनमें बसीं खुशबू जो हैं,
तेरे साँसों की गर्मी लिए !
गम तो बहुत है जो मिले अपनों से
उस पर बेरूखी तेरी मुझसे,
दिल में गहराई तक चुभे !
आज तक ना समझ पाया कोई हमें
यकीन था तुम पर शायद,
तुम तो समझ जाओगे !
किसी को समझना माना नहीं आसान
मुश्किल भी नहीं अगर ,
तहे-दिल से समझना चाहोगे !
रिश्ते तो बनते है जिंदगी में कई
क़द्र करना उस इन्सान की,
जो सच्चा प्यार करें तुमसे !