Phool Singh
Crime Thriller Others
सच्चा मोती ढूँढे न, मिलता
जीवन जिंगुर की तरह टिमटिमाता हो
हठीलापन ज्यादा दिन न चलता
जल्द ही हकीकत से फिर सामना हो।
स्वयं विसर्जित कर दंभ को
जब अमृत का कुम्भ सामने हो
धरा फोड़ जैसे अंकुर निकलता
व्यक्तित्त्व ज्ञान से निखरता हो।
होली है
भीड़ अर्थात ल...
मेरे पुरूषोत्...
राम श्री राम
रामलला घर आएं
वर्तमान में स...
मजदूर
सत्य पथ
आस्था
गणतंत्र दिवस ...
नेता हो या हो अधिकारी पद हर जगह फैला भ्रष्टाचार है, नेता हो या हो अधिकारी पद हर जगह फैला भ्रष्टाचार है,
अपराध मुक्त भारत के लिए इन्हें अपने घर में बैठाना होगा। अपराध मुक्त भारत के लिए इन्हें अपने घर में बैठाना होगा।
आदत सी हो गयी है अबनज़रअंदाज़ करने की.. आदत सी हो गयी है अबनज़रअंदाज़ करने की..
भूख में धोखा खा कर, शायद पेट भर गया होगा। फल ना सही बारूद सही, भीतर तो गया होगा। भूख में धोखा खा कर, शायद पेट भर गया होगा। फल ना सही बारूद सही, भीतर तो गया हो...
शायद इसलिए हर एहतियात तुम्हारा बचकाना सा लगता है शायद इसलिए हर एहतियात तुम्हारा बचकाना सा लगता है
वो दर्द की रात थी... तेज बरसात थी... वो दर्द की रात थी... तेज बरसात थी...
अब तुम ही, कह दो छः महीने, की है उसका, क्या छिपा लूँ...! अब तुम ही, कह दो छः महीने, की है उसका, क्या छिपा लूँ...!
लड़की ने ठुकरा दिया राजा का प्यार राजा के प्रतिशोध को दिया ललकार लड़की ने ठुकरा दिया राजा का प्यार राजा के प्रतिशोध को दिया ललकार
ज्ञान चक्षु खोल के पराई केंद्र आग में तपे सोना कुंदन बन जग झोली भरे गैर ! ज्ञान चक्षु खोल के पराई केंद्र आग में तपे सोना कुंदन बन जग झोली भरे...
मैंने लक्ष्मण रेखा कितनी ही खींची संस्कारों की पाप के पुष्पक पर चला गया इज्जत की अर्थी मैंने लक्ष्मण रेखा कितनी ही खींची संस्कारों की पाप के पुष्पक पर चला गया इज्जत...
हर रोज स्याह होती जा रही, व्यथाओं की तस्वीर उसकी...! हर रोज स्याह होती जा रही, व्यथाओं की तस्वीर उसकी...!
आंखोंं में लहू, दिल में चिंगारी मिटा दो यह समाज की महामारी आंखोंं में लहू, दिल में चिंगारी मिटा दो यह समाज की महामारी
उसके चेहरे पर गिरे वो तेज़ाब के बुलबुले थे, किस हद तक तड़पी होगी उसके चेहरे पर गिरे वो तेज़ाब के बुलबुले थे, किस हद तक तड़पी होगी
यूं तो हर रोज थी मगर उस दिन लगा सच में मैं थी एक गंदी गाली यूं तो हर रोज थी मगर उस दिन लगा सच में मैं थी एक गंदी गाली
'चिंता के कारण बुढ़िया ने मरते समय लिया था नाम, बचा लो उसको कहने वाली थी वो तब तक मिला अंजाम।' न्याय ... 'चिंता के कारण बुढ़िया ने मरते समय लिया था नाम, बचा लो उसको कहने वाली थी वो तब तक...
आपसी मनमुटावों को समाज से छीपा कर बंद दरवाजे के पीछे नासमझ बच्चों को दिखाते हैं। आपसी मनमुटावों को समाज से छीपा कर बंद दरवाजे के पीछे नासमझ बच्चों को दिखाते ह...
तिमिरलोक, ये जलमंडल है, मैं जिस घर में सोई हूँ । तिमिरलोक, ये जलमंडल है, मैं जिस घर में सोई हूँ ।
मानती हूँ कि तुम मेरे जीवन में आती तो खुशियों से भर देती मेरा जीवन, मेरे आँचल में पूरे विश्व को स... मानती हूँ कि तुम मेरे जीवन में आती तो खुशियों से भर देती मेरा जीवन, मेरे आँचल...
अंत ना करो बेदर्दी से आने दो इस जग में छाने दो इस जग में। अंत ना करो बेदर्दी से आने दो इस जग में छाने दो इस जग में।
न्यायालय को दाग लगाने वाले जब तक जिंदा हैं तब तक हम हाथों में ज्वाला लेकर भी शर्मिंदा न्यायालय को दाग लगाने वाले जब तक जिंदा हैं तब तक हम हाथों में ज्वाला लेकर...