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आकिब जावेद

Drama

5.0  

आकिब जावेद

Drama

सबका दिल जीत जाता है

सबका दिल जीत जाता है

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मुझे वो देख कर

जो आज अपना मुंंह बनाता है

यही वो भूल है

जो वो यूं अक्सर भूल जाता है

ज़माने में मुझे करना वो चाहे रुसवा जो अब

ये उनका दिल ही है

जो प्यार से मुझको मनाता है

उठा बैठे है हम जो

आज गलती से कदम अपने

मेरी एक गलती से ही

मेरे दिल को आज़माता है

सदा घूमा हूँ मै

अपने ऐसे दिलबर की गलियों में

हमेशा देख उनको

मेरा दिल अब गुनगुनाता है

मेरा किरदार मेरी ज़िंदगी

को ही बयाँ करता

मुहब्बत से ही दिल

सबका आकिब' जीत जाता है।।



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