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Nir Delhi

Romance Tragedy

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Nir Delhi

Romance Tragedy

सौपना

सौपना

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मुझे देखकर तुम्हारे होश उड़ गए थे

इस कदर तुम बैचेन हो गए थे

मुझे देखने के लिए इधर उधर

घूमते रहते थे


अब मैने तुम्हें खुदको सौंप दिया

इस वक्त तुम मेरे हो गए

हर बात अब होगी

तुम मेरे ही रहोगे


वक्त इतना क्यों बदल गया

तुम मुझसे इतनी कम बात क्यों करते हो

एक वो वक्त था तुम मेरे थे

अब इस वक्त तुम किसके हो


तुम पर इलज़ाम नहीं लगा रही

अपने प्यार को गाली नहीं दे रही

पर हाँ तकलीफ़ तो होती है

और आँखें बहुत रोती है


वो दिन याद करती हूँ

तुम मेरे थे वो वक्त याद करती हूँ

क्या हो गया तुम्हें

प्यार का धोखा दिया तुमने


हाँ मैं लड़की हूँ यही मेरी ग़लती है

तुम्हें था शरीर से प्यार यही बात सच्ची थी

तुम सब पा गए मुझे अकेला छोड़ गए

एक ना दिखने वाला ज़ख्म दे गए


तड़प कर अब क्या करना है

मुझे तो जिन्दगी भर रोना है

विश्वास क्या होता है

इस बात को अब भूलना है


तुम बहुत याद आते हो

आँखो को बहुत रूलाते हो

जी रही हूँ मैं

लाश को क्यो तड़पाते हो



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