सावन
सावन
रोज़ है इंतजार सावन का !
आकर बरसें अब प्यार सावन का
ऐसा बूंदों में ही बजे सरगम
दिल करे बेक़रार सावन का
भीगा जाये तन प्यार में इसके
हो रहा दिल पे वार सावन का
फ़ूलों की ख़ुशबू सांसों में महके
आया मौसम बहार सावन का
आ बरस जा मुहब्बत बनके तू
हो कब तक इंतिजार सावन का
गीत गाये "आज़म" मुहब्बत के
बज रहा है सितार सावन का।
आज़म नैय्यर