STORYMIRROR

aazam nayyar

Abstract Fantasy Children

4  

aazam nayyar

Abstract Fantasy Children

सावन

सावन

1 min
457

रोज़ है इंतजार सावन का !

आकर बरसें अब प्यार सावन का 


ऐसा बूंदों में ही बजे सरगम 

 दिल करे बेक़रार सावन का 


भीगा जाये तन प्यार में इसके 

हो रहा दिल पे वार सावन का


फ़ूलों की ख़ुशबू सांसों में महके 

आया मौसम बहार सावन का 


आ बरस जा मुहब्बत बनके तू 

हो कब तक इंतिजार सावन का 


गीत गाये "आज़म" मुहब्बत के 

बज रहा है सितार सावन का।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract