सावन
सावन
मीलों का सफ़र
तू पल भर में कर लेता है
अचानक ज़मी पर आ धमकता है
हैरां होती हूं, तू कैसे सबको हर लेता है
तुझे पता है
तेरे आने का इंतज़ार
हर साल रहता है
बिन तेरे तो ये जीवन अधूरा लगता है
<
span style="color: rgb(0, 0, 0);">कितने ही जज़्बात
तुझे छूने भर से मचल उठते हैं
और तू ये सब
ख़ामोशी से देखता है
तेरा आकर चले जाना अखरता भी नहीं
पता है फिर आएगा तू जल्दी ही
खुशनुमा एहसास सदा महकता है
तुझसे नाता अपनेपन का है !!