आईना
आईना
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आईना मेरी जिंदगी का
चेहरे की सच्चाई दिखा देता हैं !
ये आईना अपनी प्रति रूपी दिखा
अपने आप में जीना सीखा देता हैं
ख़ामोश बन खुद को निहारते हैं;
आईना अपनी ज़िंदगी बना देता हे
कभी अपनी ज़िंदगी बिगाड़ देता है !
कभी रोते हुए चेहरे को मुस्करा देता है.
सुख दुख और गम के साथ आईना
कांच का पत्थर लगे तो टूट जाता हैं !
अपनो का दर्दमिल तो चेहरा मुरझा जाता हैं;
प्यार मिले तो दिल का रिश्ता सारवार हो जाता हैं !
ये आईना बडे ही गज़ब की चीज़ हैं..
अच्छे अच्छों का चरित्र एक पल में दिखा जाता हैं !