तेरे लिए भरूँ उड़ान ना बाबा ना, ये ना होगा ! तेरे लिए भरूँ उड़ान ना बाबा ना, ये ना होगा !
मैं यह करुं वो करुं, ऐसे रहूं या वैसे रहूं। मैं यह करुं वो करुं, ऐसे रहूं या वैसे रहूं।
छत पे आना तेरा बाल खोले हुए थी खिली धूप, सुरमई छटा हो चली। छत पे आना तेरा बाल खोले हुए थी खिली धूप, सुरमई छटा हो चली।
सूखी हुई नहरों में, तपते हवा के पहरों से, प्यासी प्यासी सी झीलों में, बसते हुए शहरों स सूखी हुई नहरों में, तपते हवा के पहरों से, प्यासी प्यासी सी झीलों में, बसते हु...
धीमे सही दिखे छाले कभी, फटे अंबर में लगे ताले कहीं धीमे सही दिखे छाले कभी, फटे अंबर में लगे ताले कहीं