धीमे सही दिखे छाले कभी, फटे अंबर में लगे ताले कहीं धीमे सही दिखे छाले कभी, फटे अंबर में लगे ताले कहीं
आज रात के बाद की सुबह का बेसब्री से इंतज़ार था दोनों मां - बिटिया को......। आज रात के बाद की सुबह का बेसब्री से इंतज़ार था दोनों मां - बिटिया को......।