रिश्तों में ही मिल गया, नेह हर्ष का ढंग। नयन-नयन से यूँ मिले,लगा बसंती रंग। रिश्तों में ही मिल गया, नेह हर्ष का ढंग। नयन-नयन से यूँ मिले,लगा बसंती रंग।
महकी महकी हैं खेतों की क्यारियाँ महकी महकी हैं खेतों की क्यारियाँ
दिन में ही चांदनी खिल गई तपती हुई जमीन हंस पड़ी है दिन में ही चांदनी खिल गई तपती हुई जमीन हंस पड़ी है
छत पे आना तेरा बाल खोले हुए थी खिली धूप, सुरमई छटा हो चली। छत पे आना तेरा बाल खोले हुए थी खिली धूप, सुरमई छटा हो चली।