ऐसा दीपक
ऐसा दीपक
हर अंधेरा मिटा सकूं
उत्सव हर क्षण मना सकूं
अकेलापन सबका भागा सकूं
बस... ऐसा दीपक बना सकूं
धीरज की लड़ियां लगा सकूं
ज्योति का अर्क चढ़ा सकूं
दहलीज़ सारे सजा सकूं
बस... ऐसा दीपक बना सकूं
रिश्तों की चमक बढ़ा सकूं
मुहब्बत की चक्करी घुमा सकूं
color: rgb(0, 0, 0);">नफरतों के सांप जला सकूं
बस... ऐसा दीपक बना सकूं
आस के पंछी उड़ा सकूं
मिट्टी से ममता करवा सकूं
रौशनी का तोरण लटका सकूं
बस... ऐसा दीपक बना सकूं
नन्हीं फुलझड़ीयों के दामन बचा सकूं
स्वच्छ पर्यावरण के पतासे खिला सकूं
इंसानियत की परिकाष्ठा समझा सकूं
बस... ऐसा दीपक बना सकूं !