पढ़ता नहीं लफ्ज़ तो बहुत है पर कोरे पन्ने कहाँ है पढ़ता नहीं लफ्ज़ तो बहुत है पर कोरे पन्ने कहाँ है
नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है, लोग रुलाना नहीं छोड़ते हम हंसना नहीं छोड़ते नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है, लोग रुलाना नहीं छोड़ते हम हंसना नह...
ये दिल्ली है जनाब दिल्ली थी दिलवालों की, यूँ बदली तस्वीर आज वही दिलों में है खार, ये दिल्ली है जनाब दिल्ली थी दिलवालों की, यूँ बदली तस्वीर आज वही दिलों...
उठे थे दुआ के लिए हाथ कल जो, वही वार करते हैं अब खंजरो से। उठे थे दुआ के लिए हाथ कल जो, वही वार करते हैं अब खंजरो से।
मुश्किलों में भी न घबराना है मुझे बस अपनी राह पर चलते चले जाना है! मुश्किलों में भी न घबराना है मुझे बस अपनी राह पर चलते चले जाना है!
अंधेरों में चिराग़, जलाने चला हूँ मैं,! अंधेरों में चिराग़, जलाने चला हूँ मैं,!