ये दिल्ली है जनाब
ये दिल्ली है जनाब
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ये दिल्ली है जनाब
दिल्ली थी दिलवालों की,
यूँ बदली तस्वीर
आज वही दिलों में है खार,
ये दिल्ली है जनाब।
ताज जहाँ खड़ा है,
जिसकी मोहब्बत पर है नाज
राज-नीति के नोक पर,
दिलो से मोहब्बतें कुचल डाली आज
ये दिल्ली है जनाब।
नारी के सम्मान पर
जहाँ प्रश्न उठ रहे हजार,
अपराधियों को शरण मिले
जहाँ है राज्य सरकार,
भारत की राजधानी का ये हाल है
सोचो दुसरे राज्य पर कैसा होगा वार,
नफरतों की बारिश में
भीगा दिल्ली और टुटे दिलों के तार
ये दिल्ली है जनाब।