समंदर..
समंदर..
सुना है ..
समंदर की याददाश्त
बहुत पुरानी है !
तुम जो समंदर से मिलो तो पूछना उससे ..
हमारी कहानी कितनी पुरानी है।
और सुनो ...
उस दिन, साँझ ढ़ले
मेरी बिंदी जो खो गई थी..
समंदर के पास होगी।।
हो सके तो लौटा लाना
डूबते-उगते सूरज का टुकड़ा
कि...
मेरा माथा सूना आसमान हुआ है।

