तेरी यादों की बारिश .....
तेरी यादों की बारिश .....
माना कि अब वो बात नहीं
धड़कन भी अब मेरे साथ नहीं..
हर साज में जो मेरे साथ था
अब तो वो भी पास नहीं..
पर धोखा तो खुद को ही दिया है मैंने
पता था कि जो मुझको रास नहीं..
उसी के पीछे खुद को बर्बाद किया है मैंने कदर जब खुद ही नहीं की खुद की..
तो दूसरों से क्या आस रखेंगे
महफ़िलें सजती हो हर शाम जिनके पास..
हम क्यों होंगे उनके लिए खास
हमको कहा कभी किसी ने तोड़ा है
मैंने तो खुद ही खुद को तोड़ा है..
माना कि वो बात नहीं
धड़कन भी अब तो मेरे साथ नहीं..

