सावन की बारिश
सावन की बारिश
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
![](https://cdn.storymirror.com/static/1pximage.jpeg)
उसकी यादों का बुखार कर देती है,ये
सावन की बारिश मुझे बीमार कर देती है,
गरज उठते हैं-बरस उठते हैं बादल दिल के
मेरी आँखों से अश्कों की बौछार कर देती है,
न ही ये जीने देती है और न देती है ये मरने
बस,अधमरे से मेरे ये आसार कर देती है,
मिलाती है अक्सर ये सभी बिछडों को,पर
मुझ पर दर्द जुदाई का,निसार कर देती है,
उतारता हूँ जैसे-तैसे सर से एक सावन,फिर
अगले सावन को मुझ पर उधार कर देती है ।