STORYMIRROR

नविता यादव

Tragedy

2  

नविता यादव

Tragedy

सावधानी हटी, दुर्घटना घटी

सावधानी हटी, दुर्घटना घटी

2 mins
668

दुपहिया वाहन चल रहा,

लेकर तीन सवारी

लंबा रास्ता, पैट्रोल की टंकी फुल

उसपे मोबाइल में बिजी बुलबुल,

चले जा रहे हैं चले जा रहे हैं

एट्टी की स्पीड में गाड़ी भगाये जा रहे हैं

क्या मजा आ रहा है ,,,,

हवा से बात कर, तीनों इतरा रहे हैं।


यातायात के नियमों का बैंड बजा

लाल बत्ती बंक किये जा रहे हैं

जोरो से ठहाका लगा,

अपनी बहादुरी पे इतरा रहे हैं।


एक चौक पर थे खड़े,

कोशिश कर रहे थे निकलने की

इतने पे चार दारोगा आये,

पकड़ दिये उन लोगों के गिरेबान खड़े-खड़े

ओह ओह क्या सीन बना

एक तो हेलमेट नहीं,

दूसरा एक वाहन पे तीन सवारी

और तो और करते हो रेड लाइट बंक सारी,

अब तो भाई मोटा चालान कटेगा

तुम सब का नाम हमारे रजिस्टर पर लिख उठेगा।


दूसरे चौक पे ये अचानक क्यों भीड़ लगी

किसकी गाड़ी किससे लड़ी,

जरा देखें भाई क्या हुआ?

'ओफ़ हो 'जल्दी-जल्दी के चक्कर में

रेड लाइट फिर से बंक हुआ।

खून से धरती लाल है,

किसी का लाल, किसी का प्यार

आज एक मानव लहू-लुहान है।


क्यों इतनी जल्दी बाजी है करते?

क्यों नहीं घर से टाईम से निकलते?

क्यों यातायात के नियमों का उल्लंघन करते?

क्यों दिखावे और मजे के लिये भी रेड लाइट बंक करते?


नियम बने हैं, मानने के लिये

हम सब की भलाई के लिये,

अगर हर व्यक्ति नियमों का पालन करे,

कितने घर सूने होने से बचें

चलानों की दर भी घटे,

हर जगह नियम और कानून का पालन दिखे।


आओ हम सब मिल एक प्रण करें

अपनी- अपनी जिम्मेदारी खुद से लें,

यातायात के नियमों का पालन करें,

अपने बच्चों को बोल या पढ़ा के नहीं बल्कि,,,,,

जब कभी भी कहीं भी ले जाएं अपने साथ,

सिर्फ़ इन नियमों का पालन खुद से कर के समझाएं।।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy