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Soniya Jadhav

Romance

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Soniya Jadhav

Romance

साथ

साथ

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नभ के तमाम तारे अपने आँचल में समेट लायी हूँ प्रिये,

सिर्फ तुम्हारे लिए।

तुम्हारे बुझते ख्वाबों को रौशन करने के लिए

वादा करती हूं, तुमसे कोई अपेक्षा नहीं रखूंगी,

मैं तो सिर्फ तुम्हारे संग चलूंगी।

उन कंटीली राहों पर, जहाँ तुम नितांत अकेले होगे।

तुम चलते जाना राह अपनी,

मैं तुम्हारे रास्ते से कंकड़ उठाती रहूंगी।


थक हार जाओगे जब तुम,

मैं अपने आँचल में समेटकर तुम्हें तपती धूप से बचाऊंगी।

यकीं करो मेरा, मैं तुम्हारे और तुम्हारी ख्वाहिशों

के बीच कभी ना आऊंगी।

एक मित्र की भांति संबल बनूँगी तुम्हारा।

अपने प्रेम को मैं, तुम्हारे पैरों की बेड़ी कभी बनने नहीं दूंगी।

तुम्हारी सफलता को मैं अपनी जीत मान,

हृदय से तुम्हारे खुशहाल जीवन की मंगल कामना करूँगी।

तुम लौट आए तो मैं जी उठूंगी,

और ग़र नहीं आये तो तुम्हारी स्मृतियों के संग जीवन गुजार दूंगी।

यकीं करो मेरा, मैं तुम्हारे और तुम्हारी ख्वाहिशों के बीच कभी ना आऊंगी।



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