साथ तुम्हारे
साथ तुम्हारे
साथ तुम्हारे ना हूँ, मैं....
तो मुझे अधूरा लगता है ,
बिन तुम्हारे हर दिन,
मुझे सुना-सुना सा
लगता है,
जब मैं....किसी किनारे
पर होता हूँ....
कहीं दूर सफर में तब
मुझे बिन तुम्हारे होना,
अधूरा महसूस
होता है,
रात की खामोशियाँ मेरी
फिर सुबह जब
उठता हूँ ,
साथ तुम्हारे ना हूँ , मैं....
तो दिल मेरा सुनो बहुत
रोता है,
साथ तुम्हारे ना हूँ , मैं....
तो मुझे अधूरा लगता है।