साथ निभाना साथिया
साथ निभाना साथिया
दाम्पत्य जीवन की शुरुआत
सात फेरों संग बंध तेरे साथ चली आयी पिया
छोड़ बाबुल का आँगन तेरे संग प्रीत लगा लिया
प्रेम और विश्वास का रिश्ता जग ने है माना
सातों वचन के संग महकाऊँगी तेरी बगिया
साथ निभाना साथिया
जब मायके के लिये व्याकुल हो मेरा मन
तब माँ के पास एक बार फेरा लगवालाना
मेरे छूटे परिवार का मान हो,न पड़े कभी तुम्हें समझाना
आपका घर परिवार दिल से मैंने अपनाया,अब तुम भी
साथ निभाना साथिया
हर सुख दुःख हैं अब एक जब से तुम को अपनाया
मैं माँझी बनूँ तेरी नैया की ऐसा सपना है सजाया
उठती लहरों से बचा तुझे उस पार है पहुँचाना
तुम बस पार पहुँच कर मुझे भूल न जाना पिया
साथ निभाना साथिया
रह कर निर्जल व्रत तुम्हारी लम्बी उम्र की करूँ कामना
तुम हो मेरे प्राणप्रिय मैं रूठूँ तो तुम लेना मना
कोई हो दुविधा या उलझन मुझ संग तुम बाँटना
जीवन के हर उम्र और पड़ाव पर हाथ न छोड़ना पिया
साथ निभाना साथिया।
