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S N Sharma

Romance Tragedy Classics

4  

S N Sharma

Romance Tragedy Classics

यह कहानी प्यार की

यह कहानी प्यार की

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यह कहानी प्यार की कुछ इस तरह चलती रही।

हवाओं में जैसे शम्मा बुझने को थी जलती रही।


कुछ हया और शर्म थी कुछ डर जमाने का रहा।

डगमगाती सी प्यार की कश्ती मगर चलती रही।


हम सोचते थे वह पुकारेंगे मगर वह खामोश थे।

तन्हा हम चलते रहे और ये रात भी ढलती रही।


बदल करवट रात काटी तकिए भिगोते रह गए।

सामने आए वो लबों पर खामोशियां सजती रहीं।


इश्क में हिम्मत जरूरी है ये किसी ने कह दिया।

नाकाम बिन हिम्मत हमारी मुहब्बत चलती रही।


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