घर के भगवान
घर के भगवान
मंदिर घूमा,मस्जिद घूमा,
घूमा चर्च,गुरुद्वारा,
पर मिला कहीं न मुझको,
ईश्वर जानने वाला।
कोई उसे सीताराम कहे,
कोई उसे अल्लाह कहे,
कोई कहता ईशा मसीह,
कोई उसको नानक कहे।
माता पिता को छोड़ सभी,
घूम रहे हर द्वार,
अपने घर के भगवान को,
भूल रहा हर इंसान है।
