STORYMIRROR

Aishani Aishani

Tragedy

4  

Aishani Aishani

Tragedy

साम्राज्य.. तुम्हें पसन्द नही!

साम्राज्य.. तुम्हें पसन्द नही!

1 min
272

कुछ टूटे फूटे से

थोड़े अक्षर निर्मित शब्द

तुम्हारे पास भेज रही हूँ

इन्हें जोड़ के 

अपनी इबादत के लिए

एक महल बनवा लेना

क्यूँ कि.. 

जो मैं हूँ 

वो तुम्हें पसन्द नहीं

और.. 

जो तुम्हें पसन्द है 

वो मैं... ।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Tragedy