साम्राज्य.. तुम्हें पसन्द नही!
साम्राज्य.. तुम्हें पसन्द नही!
कुछ टूटे फूटे से
थोड़े अक्षर निर्मित शब्द
तुम्हारे पास भेज रही हूँ
इन्हें जोड़ के
अपनी इबादत के लिए
एक महल बनवा लेना
क्यूँ कि..
जो मैं हूँ
वो तुम्हें पसन्द नहीं
और..
जो तुम्हें पसन्द है
वो मैं... ।