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AMIT SAGAR

Fantasy

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AMIT SAGAR

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सागर में हैं चाँद सितारे

सागर में हैं चाँद सितारे

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प्यार का सागर बना हो दिल की हो किश्ती

जिसमें हम तुम बैठकर करे मौज मस्ती

चाँद हो खेवैया उसका और पानी हो तारे

थोड़ी दूर सफर करने से दुख मिट जायें सारे

सागर की लहरों मे बादल लेकर आए नीरज

मंज़िल सबको यहाँ मिलेगी रखो थोड़ा धीरज

दूर दूर से खुशबू लेकर आए पवन के झोंके

यहाँ नहीं कोई टी टी ड्राईवर जो अब हम को रोके

यहाँ वहाँ से पर्वत हमको देते आने की बधाई

भंवरा भी अब कहे फूल से रुत है प्यार की आयी

पेड़ पौधे राह राह में बनते हमारे साथी

उनके साथ है बन्दर भालू और थोड़े से हाथी

बिजली अब चमकेगी कैसे बादल तो हैं नीचे

चाँद सितारे फूल हमको अपनी और खींचे

पानी कहे हम क्या बने तो उनको बनाया डॉक्टर

जब भी हम थक जाते हैं वो देखते हम को आकर

मछली हमको उछल उछल कर नृत्य नया दिखलाये

भूख लगे तो गहराई में सीप मोती खाये

छोटे मेंढक और कछुए नोक झोंक करते हैं

साँप अपने बिल से आकर नीर यहाँ भरते हैं

इन्द्रधनुष के सात रंग भी खेले यहाँ पे होली

बारिश और सागर का पानी बन जाये हमजोली

शाम की लाली आँख पहर की धीरे धीरे मींचे

आसमान भी रात की चादर अपनी और खींचे

पीछे छोड़ चले हम यादें आगे अपना बसेरा

ऐसे ही चलता है जीवन रात के बाद सवेरा

अब है किनारा अने वाला हो जाओ तैयार

सूरज चाचा खड़े वहाँ करते सबका इंतज़ार

रखते ही अब पाँव जमीं पर लगता सबकुछ

अपना है

आँख खुली माँ ने कहा उठ जा खत्म हुआ

अब सपना है


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