मित्र........... दोस्त
मित्र........... दोस्त
सच तो यही है।
हम सब मित्र है।
रिश्ते नाते सब है।
मित्र कृष्ण सुदामा हैं।
सन्देह और स्वार्थ न है।
हम सबका विश्वास मित्र हैं।
कर्ण दुर्योधन का मित्र है।
अर्जुन के श्री कृष्ण मित्र हैं।
सबका अपना अपना मित्र है।
जीवन में हम सबका कर्म मित्र हैं।
आओ हम सब मित्र बने,
न उम्र न जीवन में निस्वार्थ बस मित्र हैं।
