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Sunil Kumar

Romance

4  

Sunil Kumar

Romance

सादगी

सादगी

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सादगी पर तुम्हारी हम मर मिटे थे 

पहली मरतबा जब हम मिले थे।

 

कहना था तुमसे बहुत कुछ मगर 

जमाने के डर से कुछ कह न सके थे 

सादगी पर तुम्हारी हम मर मिटे थे।


मिलते ही नजरों से नजर हम तेरे हो चुके थे 

खामोश थे लब और कुछ कह न सके थे 

सादगी पर तुम्हारी हम मर मिटे थे

पहली मरतबा जब हम मिले थे।



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