रूखसत
रूखसत
रुखसत कुछ इस तरह करना मुझको
दुनिया से जाऊँ तो मोतियों की लड़ियाँ बहाना ना
अजनबियो को बताना ना
जमाने की बातो मे आना ना
दिल की धड़कन मे धड़कतीरहूँ
धड़कनो के शोर को भूलाना ना
आखिरी हिचकी तेरे दामन मे आए
कुछ देर रखना पलको पर
जल्दबाजी मे यादे भूलाना ना
मुद्दत तड़प तेरी याद की
गैरो को अपना दुख बताना ना।
किसी के कांधे पर सिर रख के अश्रु बहाना ना
आगोश मे सुकून घनेरा पलको मे रोक लेना
लम्हे वफा के ,भम्र समझ कर मिटाना ना
यादो की करवट मे सिमट कर महसूस करना।
बस मेरी कब्र पर नज्म सुनाना।
मैं तेरी रुबाई मुझे अपने होठों से गुनगुनाना
मेरी कब्र पर आँसू बहाना ना।