STORYMIRROR

Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

4  

Dr. Akansha Rupa chachra

Inspirational

दुःख अपने सुख बेगाने

दुःख अपने सुख बेगाने

1 min
26



हैं

दुःख अपने

और सुख बेगाने....,

कब कहाँ ठहरते ये किसी के पास !

इनसे,

बनाए चलो सदा ही दूरी.......,

ये ना बनें कभी सगे, ना हुए किसी के ख़ास !!1!!


जैसे 

कर्म अपने 

पाएं फल वैसे......,

हैं दुःख-सुख हमारे ही कर्मों के परिणाम !

इनसे,

कभी ना यहाँ कोई बच पाए......,

पड़ें भोगने जन्म-जन्मों तक इनके दुष्परिणाम!!2!!


हैं

सुख दुःख 

हमारे विशिष्ट अतिथि.....,

आएं, कुछ पल ठहरें और फिर चले जाएं !

सदैव,

बनाए रखें चलें जीवन में अपने समत्वं भाव.....,

और बन दृष्टा मात्र, सुख-दुःख देखते जाएं !!3!!


दुःख

इंसान का

हमेशा से ही.......,

होता आया सबसे बड़ा गुरु,शिक्षक, मार्गदर्शक !

सुख,

आए तो यहाँ कभी फूले ना समाएं.....,

और सदैव बनें रहें सरल विरल विनम्र नेक !!4!!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational