बेशकीमती वक्त
बेशकीमती वक्त
समय कितना बेशकीमती है ?
पहचान ज़रूरी है,
कौन कितना आवश्यक है ?
ये संज्ञान ज़रूरी है।
समय कितना....
जिस पर हम अपना बेशकीमती वक्त वारते,
सवाल वही,
सबसे पहले उठाते,
तुम करती क्या हो ?
सबसे पहले दिखाना उन्हें ,
उनकी औकात ज़रूरी है ।।
समय.......
रिश्ते–नाते,
फर्ज़ हमारे,
पिसते रहते चक्की में जैसे,
खुद के लिए,
जीना हम भूल जाते हैं,
सबसे पहले सवाल वही उठाते,
तुम करती क्या हो ?
इन सवालों का देना ज़बाब ज़रूरी है।
समय कितना.....
ख़ुद पर,
काम करना उतना ही जरूरी है,
जितना अपनों को समय देना।
जग की चिंता छोड़ री पूनम,
तेरा काम के प्रति हाहाकार ज़रूरी है।
समय.....