मां का प्यार
मां का प्यार
सना मुख मेरा मेरी मां
दुपट्टे से पोंछ देती थी।
मैं जरा भी रो दूँ उस के सामने
मां सीने से लगा चूम देती थी!!
ना जाने क्यों मैं बड़ा हो गया
आज मां से अलग खड़ा हो गया!!
हो गया मैं उस मां से अलग
जो ना मिलूं तो मां रो देती थी!!
मेरे ज्यादा याद नहीं कुछ
घर की लड़ाई में मां को रोते देखा है।
सारा दिन काम करती मेरी मां
रात में फिर भूखे सोते देखा है!!
मिट्टी तेरे कदमों की
मैं चूम लिया करता था!
तेरे पीछे पीछे ही मैं
फिर घूम लिया करता था!!
चूम लिया करता था तेरे गालों को
अब तेरा घर ये मेरा हो गया।
भाई भाई की लड़ाई में हुआ यूं
मां बेटे का ही बटवारा हो गया!!
मेरी मां बिन सारा जग सुना है
बिन मां के जीवन भर रो दिया।
पाई पाई चुकाता तेरे कर्ज की
मैंने मां को पहले ही खो दिया!!
जब कभी रूठा करता था मां से
खुद खिलौना बन जाया करती थी
दर्द रहता मां की कमर में मेरी
मां पीठ पर अपनी मुझे घुमाया करती थी!!
मैं अब बड़ा हो गया हूं
मां से अलग खड़ा हो गया हूं।
ना जाने क्यों याद बहुत आती है तेरी
क्यों मां से अपनी अलग हो गया हूँ!!
दुनिया ने मुझे कहा संभाला है
तेरे से अलग हर तरफ जाला है
कैसे चुकाऊं तेरे कर्ज को मेरी मां।
सारी दुनिया से पहले तूने
नौ महीने मुझे पाला है!!
मेरे मुंह पर हाथ रख
मां बाल संवारती थी!
आंखों में काजल डालती
फिर नजर उतरती थी!!
अब कोई बाल मेरे
संवारने वाला नहीं।
मुंह पर लगी मिट्टी
उसे पोंछने वाला नहीं।
नहीं कोई मां सा यहां लगता
अब कोई डांटने वाला नहीं!!
छोड़ देता जिंदगी कब की
मां की अमानत बचाई है!
थोड़ा सा रो लेने दो मुझे
आज फिर मां याद आई है!!
जब मैं लड़ पड़ता किसी से
मेरी मां मुझे बहुत डांटती थी!!
कोई और मुझे जरा भी धमकाए
मेरी मां तुरंत मेरे आगे खड़ी होती थी!!
ये कैसा मोड़ आया है
मां को कहा छोड़ आया है।
हे ईश्वर हे दाता हे मालिक
अब तो कुछ उद्धार करो।
भेज दो किसी अवतार को
जो मेरी मां की खबर लाया है!!
ना जाने क्यों मैं बड़ा हो गया
आज मां से अलग खड़ा हो गया।
सच पूछो तो मां पृथ्वी से भी भारी है।
जो रुलाएगा मां को फिर उसकी बारी है!!
दुनिया में कोई छोटा बड़ा नहीं होता।
मेरी मां के बराबर कोई खड़ा नहीं होता।
मेरे लिए मां खुली आंखों से सो सकती हैं।
जरा भी दुख हो मेरे से ज्यादा वहीं रो सकती हैं!!
मैंने शायरी बहुत कर डाली
मेरे हर पन्ने पे मां का नाम लिखा था।
कैसे भूल गया मैं उस को
नौ महीने इस ने मुझे पेट में रखा था!!
सब कुछ जोड़ कर देख लो
कही अधिक तो कहीं कम निकलेगा।
सारी दुनिया से मेरी मां का प्यार नौ महीने ज्यादा निकलेगा!!
मेरे लिए मां ने क्या नहीं किया
ढूंढ कर देखो इस की यादों को।
हरिद्वार से पैदल आ गई
मेरे हर एक सपने सजाने को!!
मेरे लिए वो हर मन्दिर पूजा करती थी
कम खाना पड़ जाए कभी।
खुद भूखी रहकर मेरे लिए निकाल कर धरती थी!!