कुछ शब्द
कुछ शब्द
कुछ शब्द कागज पर ऐसे उतर जाते हैं
कि मन मस्तिष्क में प्राय घर कर जाते हैं।
दिल में उथल-पुथल कुछ ऐसी मचती है
कि आँखों से आँसू अक्सर ढुलक जाते हैं।
जब कभी सामना होता है हालातों से
सारे जज़्बात इस दिल में धड़क जाते हैं।
कुछ शब्द पैने होते हैं खंजर की तरह
जो दिल को भीतर तक घायल कर जाते हैं।
जब भी भाव उकेरे गए मानस पटल पर
उमंगों के सैलाब में सभी उमड़ जाते हैं।
भोर के उजाले में कभी न दिखने वाले
जुगनू तमस में राह रोशन कर जाते हैं।
पिंजरे में पंछियों के पर टूटते हैं
'उन्मुक्त गगन में वही पंख खुल जाते हैं।
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