गुरदास मान
गुरदास मान
कहते हैं, हुनर और हौसला, गर हों साथ हमारे, तो मुश्किलों की क्या है बिसात,
रास्ते तो यूंँ बन जाएंगे बस थोड़ी कोशिश थोड़ी हिम्मत और दिखा दो करामात।
दिल में जोश-ओ-जुनून हो कुछ पाने का, तो हर इंसान आसमान छू सकता है,
खुली आंँखों से भी जो सपने बुनता है दिन रात, वो गुरदास मान बन जाता है।
शायद ही कोई ऐसा होगा, जिसके पाँव पंजाबी गायकी के सम्राट "गुरदास मान" के गानों पर ना थिरके हों। एक ऐसा गायक, जिन्हें पंजाबी गायकी का बाबा भी कहा जाता है। और जिनके बारे में तो यहांँ तक कहा जाता है कि उनकी जुबान से जो भी गाना निकल जाए तो ऐसा हो ही नहीं सकता कि वो गाना किसी के दिल को ना छूए। कोई चाहकर भी उनके गानों को गुनगुनाए बिना रह ही नहीं सकता।
"गुरदास मान" एक ऐसी शख्सियत हैं जिसने पंजाबी लोक संस्कृति को सदैव आगे बढ़ाने की कोशिश की है। पंजाब के लीजेंड गायक के रूप में मशहूर "गुरदास मान" का जन्म ( 4 जनवरी 1957 ) को मुक्तसर जिले में स्थित गिद्दड़बाहा जिले के एक सिख जट्ट परिवार में स्वर्गीय एस गुरदेव मान और स्वर्गीय बीवी तेज मान के घर हुआ था। गुरदास मान की शादी मंजीत मान से हुई है और उनका बेटा है गुरिक मान जो आज एक वीडियो निर्देशक और निर्माता हैं।
सर्वप्रथम "गुरदास मान" शौकिया तौर पर गाया करते थे उन्हें इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि वो एक दिन एक मशहूर गायक के रूप में प्रसिद्ध होंगे। "गुरदास मान" अपनी बातों से और गायकी से लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया करते थे और आज भी करते आ रहे हैं। इन्होंने अपने गाने "दिल दा मामला" के साथ संगीत की दुनिया में प्रवेश कर एक धमाकेदार प्रदर्शन किया। और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। एक अभिनेता के रूप में गुरदास मान ने पंजाबी फ़िल्मों में तो जलवा बिखेरा ही है साथ ही साथ हिंदी और तमिल फिल्मों में भी अपनी जादूगरी से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। गुरदास मान एक महान पंजाबी गायक हैं जिन्हें पंजाब का मूल भी कहा जाता है। अपने सर्वश्रेष्ठ गानों से "गुरदास मान" ने सदैव और सर्वत्र सम्मान और प्यार पाया है। जिसके वो वास्तविक हकदार भी हैं।
"गुरदास मान" गायक ही नहीं बल्कि फिल्म निर्माता, संगीतकार और अभिनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे इंसान भी हैं। इन्हें "मर जाणा" के नाम से भी जाना जाता है। इतने बड़े स्टार होते हुए भी घमंड या स्टारडम इन्हें छू तक नहीं पाया है। छोटे-छोटे गाँव, धार्मिक अनुष्ठानों और मेलों आदि में अक्सर मान साहब अपनी गायकी का जलवा बिखेरते रहते हैं। "गुरदास मान" की सफलता, उनकी शोहरत का कारण उनकी आवाज़ ही नहीं बल्कि उनका अच्छा व्यक्तित्व और उनके गानों के शब्द भी रहे हैं। इनके गानों में कभी भी लड़कियों और शराब का कोई ज़िक्र नहीं होता। बल्कि उनके गानों में तो समाज की, समाज की बुराइयों और आम लोगों की बातों का ही अधिकतम समावेश होता है। उनके अच्छे व्यक्तित्व के कारण ही कड़वी बातों वाले उनके गानों को पंजाब के लोगों ने अपने दिलों में जगह दी है, उन्हें अपने सिर माथे बिठाया है। और 1980 से लेकर आज तक "गुरदास मान" का यह जादू उनके प्रशंसकों के दिलों में बरकरार है।
यहाँ, "गुरदास मान" जी की गायकी के लिए मैं दो पंक्तियांँ कहना चाहूंँगी........
दिल से निकलती एक आवाज़, जो दिल को छू जाती है,
"गुरदास मान" के सूरों में तो स्वयं सरस्वती विराजती है।
दूरदर्शन से अपना मुकाम पाने वाले "गुरदास मान"आज लाखों दिलों में राज करते हैं। वे पंजाबी गायकी के इतिहास का एक मील का पत्थर हैं, जो अपनी गायकी के अंदाज के लिए फैंस के बीच एक खास पहचान बना चुके हैं। उन्होंने पंजाबी फिल्मों के लिए तो काम किया ही है साथ में पंजाब के लिए भी अपना योगदान दिया है। "गुरदास मान" सामाजिक कार्यों में सदैव ही आगे रहते हैं वे अपनी कॉन्सर्ट से होने वाली कमाई को चैरिटी में देते हैं। गुरदास मान नकोदर स्थित डेरा बाबा मुराद शाह ट्रस्ट के चेयरमैन भी हैं। इसी ट्रस्ट की ओर से उत्तराखंड में जून 2013 में आई बाढ़ के लिए उन्होंने एक बहुत बड़ी रकम प्रधानमंत्री राहत कोष में बाढ़ पीड़ितों की सहायता हेतु भी दिया। इसके अतिरिक्त इन्होंने पंजाब से बॉलीवुड तक पहुंचने और सेटल करने में, कपिल शर्मा, सोनू सूद और दलेर मेहंदी (जो आज बॉलीवुड के जाने-माने चेहरे हैं) जैसे कई लोगों की मदद की है। किंतु इस बात का उन्हें रत्ती भर भी घमंड नहीं।
गुरदास मान ने तो अपने ड्राइवर, जिन्हें वो अपना अच्छा दोस्त ही मानते थे और जिनकी मृत्यु एक दुर्घटना में हो गई , इस दुर्घटना में स्वयं गुरदास मान की बाल बाल बचे थे, उस ड्राइवर दोस्त को समर्पित करते हुए एक गाना, "बैठी साडे नाल सवारी उतर गई" लिखा और गाया भी। उनके जीवन की इस घटना से उनके व्यक्तित्व का अंदाजा लगाया जा सकता है।
"गुरदास मान" की गायकी के अंदाज के लिए उन्हें ब्रिटेन के वोल्वरहैम्टन विश्विद्यालय द्वारा डॉक्टरेट और पंजाब यूनिवर्सिटी पटियाला के 36वें दीक्षांत समारोह में राज्यपाल द्वारा डॉक्टर ऑफ लिट्रेचर की उपाधि से सम्मानित किया गया। "गुरदास मान" को बेस्ट प्लेबैक सिंगर के रूप नेशनल फिल्म अवॉर्ड भी मिल चुका है। इसके अतिरिक्त सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक के पुरस्कार से भी इन्हें सम्मानित किया गया है। बर्लिन एशिया फिल्म महोत्सव में इन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेता के रूप में भी पुरस्कार दिया गया। गुरदास मान के एलबम "बूटपालिशाँ" को ब्रिटेन एशियाई संगीत पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ अंतर्राष्ट्रीय एल्बम का पुरस्कार दिया गया। यही नहीं, "गुरदास मान" ही वो पहले कलाकार थे, जिन्होंने अपने गानों और अपनी फिल्मों के माध्यम से पंजाब में पुलिस अत्याचार को उजागर किया। अंततः हम कह सकते हैं कि "गुरदास मान" सुरों के ही नहीं दिलों के भी बादशाह हैं।
इतना ही गुरदास मान जागरण प्रकाशन लिमिटेड के भाषा में प्रकाशित होने वाले पंजाबी जागरण की ब्रांड एंबेसडर भी हैं।
गुरदास मान अब तक 35 एल्बम और 300 से ज्यादा गाने लिख चुके हैं जिनमें रोटी, जोगिया, बुटपालिशाँ, विलायतां, हीर, पंजीरी, आजा साजना, इश्क़ न देखे जात, दिल दा मामला है आदि गुरदास मान के गानों के प्रसिद्ध एल्बम हैं। इसके अतिरिक्त चक जवाना, मिनी पंजाब, यारियां, देश होता परदेश, वीर ज़ारा, सिर्फ तुम, सूबेदार, बगावत आदि फिल्मों में भी गुरदास मान ने अपना किरदार बखूबी निभाया। और दर्शकों के दिल में अपनी एक खास जगह बनाई।
अंत में ये पंक्तियांँ "गुरदास मान" को समर्पित......
सुरों की माला में वो इंसानियत भी पिरो का चलते हैं,
"गुरदास मान" जैसी शख्सियत दिलों में राज करते हैं।