रस्ता निहारूँ
रस्ता निहारूँ
रस्ता निहारु मैं पथ चमकाती , बहुत हैं मुश्किलें फिर भी सिर नवाती
रस्ता निहारू--
चौखट पर बैठी मैया आस में तुम्हारी, आता होगा पुत्र मेरा मन में बुदुबदाती ।
आया न पुत्र ,आ गया शरीर है,आँसुओं को अपने ,अब थाम नहीं पाती ।
बहुत हैं मुश्किलें फिर भी ---
टकटकी लगाये पिता, पुत्र के आने की, आस में बैठे है ,चेहरा तेरा देखने को, पा के पार्थिव शरीर असुँओ को रोक नहीं पाते ।
बहुत हैं मुश्किले फिर भी सर नवाती --
बेटी खड़ी द्वारे पर; पापा जब आएंगे ,चॉकलेट का डिब्बा और टॉफी बहुत लाएँगे ,
बोले नहीं पापा जब ,बार-बार निहारती ।
बहुत है मुश्किल --
बेटा है खुश बड़ा ,सपने सजाएँ , पापा के संग हम घूमने जाएँ आए जब घर तुम ,बार- बार पुकारता ।
बहुत हैं मुश्किलें फिर भी -----
प्यारी भाभी ने खीर है बनाई,देवर के आने की खुशी है मनाई ।
खा ले लाडले मैं, तुझको खिलाती।
बहुत हैं मुश्किल फिर भी ---
भैया को भी खुशी बहुत ,तुम्हारे घर आने की,छुट्टियाँ भी ले ली कुछ दिन संग बिताने को ,देखा जब तिरंगे में, सुध- बुध खोकर नाम है पुकारते ।
बहुत हैं मुश्किले----
प्राणप्रिय में तुम्हारी ,रूदन है क्रन्दन है,हृदय को चीरता करूण विलाप है,खुद को संभालो या सब को संभालती।
न्योछावर मेरा क्रन्दन चरणों में माँ भारती ।
बहुत हैं मुश्किले-----