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Keyurika gangwar

Tragedy

4  

Keyurika gangwar

Tragedy

रस्ता निहारूँ

रस्ता निहारूँ

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रस्ता निहारु मैं पथ चमकाती , बहुत हैं मुश्किलें फिर भी सिर नवाती 

रस्ता निहारू--

चौखट पर बैठी मैया आस में तुम्हारी, आता होगा पुत्र मेरा मन में बुदुबदाती ।

आया न पुत्र ,आ गया शरीर है,आँसुओं को अपने ,अब थाम नहीं पाती ।

बहुत हैं मुश्किलें फिर भी ---

टकटकी लगाये पिता, पुत्र के आने की, आस में बैठे है ,चेहरा तेरा देखने को, पा के पार्थिव शरीर असुँओ को रोक नहीं पाते ।

बहुत हैं मुश्किले फिर भी सर नवाती --

बेटी खड़ी द्वारे पर; पापा  जब आएंगे ,चॉकलेट का डिब्बा और टॉफी बहुत लाएँगे ,

बोले नहीं पापा जब ,बार-बार निहारती ।

बहुत है मुश्किल --

बेटा है खुश बड़ा ,सपने सजाएँ , पापा के संग हम घूमने जाएँ आए जब घर तुम ,बार- बार पुकारता ।

बहुत हैं मुश्किलें फिर भी -----

प्यारी भाभी ने खीर है बनाई,देवर के आने की खुशी है मनाई ।

खा ले लाडले मैं, तुझको खिलाती।

 बहुत हैं मुश्किल फिर भी ---

भैया को भी खुशी बहुत ,तुम्हारे घर आने की,छुट्टियाँ भी ले ली कुछ दिन संग बिताने को ,देखा जब तिरंगे में, सुध- बुध खोकर नाम है पुकारते ।

बहुत हैं मुश्किले----

प्राणप्रिय में तुम्हारी ,रूदन है क्रन्दन है,हृदय को चीरता करूण विलाप है,खुद को संभालो या सब को संभालती।

न्योछावर मेरा क्रन्दन चरणों में माँ भारती । 

बहुत हैं मुश्किले-----


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