रफ़्तार
रफ़्तार
अच्छी लगे फर्राटेदार रफ्तार कितनी भी ,
अनियंत्रित गति से न चलाना तुम वाहन।
सोचो ज़रा जिन्दगी की राहें खूबसूरत है बहुत ,
तो क्यों न सावधानी से संभल कर जिया जाये
कर प्रथम स्वयं दिल और दिमाग पर नियन्त्रण,
फिर दो सीख औरों को कि अति सर्वत्र वर्जयेत्।
पालन न कर मानकों का करते जब मनमानी,
दुर्गति देख अपनों की होता दुःख तब ज्यादा।
कहे "इरा" मति मारी जाती है उन अपनों की भी ,
जो बेध्यानी में नहीं रखते किसी सुरक्षा का ध्यान।