सुहाना मौसम
सुहाना मौसम
अहा कितना सुहाना मौसम है।
चल रही शीतल मस्त बयार है।
खिलखिलाते पुष्प हर चमन है।
सच कह दूँ हमको इनसे प्यार है।
मन बहका जाता है मेंरा आज तो।
अजब सा चढ़ा हमें यह खुमार है।
मदहोशी का जाने कैसा आलम है।
हर तरफ बिखरा शबाब बेशुमार है।
बिना किसी के कुछ भी रुकता नहीं।
बगिया इरा की आज भी गुलज़ार है।