स्वपरिचय
मैं “इरा जौहरी “स्वतन्त्र रचनाकार हूँ मेरी माँ का नाम “श्रीमती कमल सक्सेना “तथा पिता का नाम” श्री भुवनेश्वर दयाल सक्सेना “है । प्रतापगढ अवध का मदर हॉस्पिटल हमारी जन्म स्थली है जहाँ हमने माता पिता की प्रथम सन्तान के रूप में ७/११/१९६५ के शुभ दिन आनन्न्द के फूल खिलाये थे... Read more
स्वपरिचय
मैं “इरा जौहरी “स्वतन्त्र रचनाकार हूँ मेरी माँ का नाम “श्रीमती कमल सक्सेना “तथा पिता का नाम” श्री भुवनेश्वर दयाल सक्सेना “है । प्रतापगढ अवध का मदर हॉस्पिटल हमारी जन्म स्थली है जहाँ हमने माता पिता की प्रथम सन्तान के रूप में ७/११/१९६५ के शुभ दिन आनन्न्द के फूल खिलाये थे ।हमसे पाँच साल छोटा एक भाई है जिसका नाम आषीश है ।
कला क्षेत्र में अभिरुचि होने के कारण हमनें बारहवीं के पश्चात बॉम्बे आर्ट की परीक्षा भी पास की थी हमनें हिन्दी व संस्कृत से स्नातक तथा नृविग्यान ( एन्थ्रोपॉलोजी ) में परास्नातक तक की शिक्षा लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ से सन् १९८७में प्राप्त की है ।
हमारा विवाह श्री राजेन्द्र कुँवर जौहरी व प्रकाशवती जौहरी जी के सबसे छोटे पुत्र श्री राकेश जौहरी जो स्टेट बैंक कर्मी थे , के साथ २९/११/८७ के शुभ दिन हुआ था ।विवाह के आठ दस साल बाद हम दो बार अन्तर राष्ट्रीय स्तर की “गोदरेज ईजी “द्वारा प्रायोजित” बनो स्टार “प्रतियोगिता में तृतीय पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं ।
विवाह के पश्चात भी हम निरन्तर कुछ ना कुछ सीखते व रचनात्मक कार्यों मे लगे रहे ।हमने हॉबी क्लास मे सिर्फ अपना मन लगाने के लिये बिना वेतन लिये कई कलाओ को सिखानें का कार्य भी किया है ।एक बात अपने विषय में बताना चाहूँगी कि जो मुझे आता है वह मै किसी के द्वारा पूँछे जाने पर राह चलते भी बता देती हूँ ।
बैक दिवस पर होने वाली प्रतियोगिताओं में हमे बच्चो के साथ कई बार पुरस्कार मिल चुके हैं । हमारे दो बेटे शशाँक व ईशान हैं जो अपनी रुचि अनुसार कार्यक्षेत्र में सक्रिय हैं ।फुर्सत के लम्हों मे फेसबुक पर पाक कला के विषय मे स्वयं को प्राप्त जानकारी देना जो शुरु किया उसे बहुतों ने पसन्द किया और अपने दिलों में हमें जगह दे दी ।
अन्त में मै कहना चाहूँगी कि अपनी अभिरुचि के अनुसार बनना तो मै चाहती थी एक कलाकार पर वक्त ने मुझे बना दिया एक पाक कला ज्ञाता व रचनाकार ।
हमारा संदेश बस इतना ही -कितना भी पथरीली जमीन हो नदी की धारा अपना रास्ता ढूँढ ही लेती है ।कर्म करते रहिये निरन्तर आगे बढते चलिये ।
शुभ दिवस
इरा जौहरी
लखनऊ Read less