रंग
रंग
कहीं अबीर की ख़ुश्बू है ,
कहीं बिखरा गुलाल का रंग ,
कहीं पे शर्म से सिमटे ,
हुए .....जमाल का रंग ,
चले भी आओ भुला कर ,
सभी गिले-शिकवे व हसीं,
बरसना चाहिए होली के दिन ,
बस विसाल ...... का रंग !!
कहीं अबीर की ख़ुश्बू है ,
कहीं बिखरा गुलाल का रंग ,
कहीं पे शर्म से सिमटे ,
हुए .....जमाल का रंग ,
चले भी आओ भुला कर ,
सभी गिले-शिकवे व हसीं,
बरसना चाहिए होली के दिन ,
बस विसाल ...... का रंग !!