रंग बेवफाई का
रंग बेवफाई का
देखो ना,
रंग का मौसम आ गया हैं,
फिर भी बेरंग सी जिंदगी हैं तुम्हारे बिना,
सफेद रंग सा अतित था मेरा,
तुम ने आकर कुछ रंग भर तो दिए,
लेकिन जो सबसे गहरा रंग तुम्हारी बेवफाई का हैं न,
वो इब दाग बनकर दामन से लिपट गया हैं,
चाहकर भी वो मुझसे अलग नहीं हो रहा,
कैसे रंग लूँ खुद को किसी और के रंग में ,
दिल के लहू का जो लाल रंग तुमने छोड़ रखा हैं न,
वो हद से ज्यादा गहरा निकला,
शायद इब मेरा कफन ही ना रंग दे,
लेकिन जब भी कफन रंगने का वक्त आयेगा न,
तुम जरूर आना,
देखना अब भी तन्हा हैं हम....फिर भी मुस्कुरा रहें होगें...
क्यूँ कि हर दर्द देकर तुमने ...
मुस्कुराते रहने की दुआ जो दी थी.........